थायराइड कैंसर ठीक हो सकता है बशर्ते...

थायराइड कैंसर ठीक हो सकता है बशर्ते...

सेहतराग टीम

एक हालिया अध्‍ययन का दावा है कि भारत में करीब 32 फीसदी लोग थायराइड की किसी न किसी बीमारी से पीड़ित हैं। इसमें थायराइड नॉड्यूल्‍स, हाइपरथायरोडिज्‍म, गॉइटर, थायरॉइडिटीज और थायराइड कैंसर शामिल हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत में अमेरिका के थायराइड कैंसर के मरीजों के मुकाबले दसवां भाग थायराइड कैंसर के मरीज हैं। अनुमान है कि 2020 तक अमेरिका में थायराइड कैंसर के दुनिया में सबसे अधिक रोगी होंगे और दूसरा नंबर भारत का होगा।

क्‍या है थायराइड कैंसर

जैसा कि नाम से स्‍पष्‍ट है ये एक प्रकार का कैंसर है जो थायराइड ग्रंथि‍ की कोशिकाओं में विकसित होता है। थायराइड ग्‍लैंड या ग्रंथ‍ि गले हमारे गले में एडम्‍स एपल के ठीक नीचे होती है। यह ग्र‍ंथि ऐसे हारमोन उत्‍पन्‍न करती है जो कि हमारी हृदय गति, रक्‍तचाप और शरीर के तापमान आदि को रेगुलेट करते हैं। इसके अलावा ये हारमोन हमारे शरीर के वजन को भी नियंत्रण में रखते हैं।

क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्‍यक्ष डॉक्‍टर के.के. अग्रवाल कहते हैं कि थायराइड ग्रंथि में कैंसर की स्थिति तब बनती है जब इस ग्रंथि की कोशिकाएं किसी प्रकार के बदलाव से गुजरती हैं। ऐसी स्थिति में थायराइड ग्रंथि कोशिकाएं तेज गति से बढ़ती और उनमें तीव्र मात्रात्‍मक वृद्ध‍ि होती है। इसके साथ ही इन कोशिकाओं की स्‍वत: नष्‍ट होने की क्षमता भी खत्‍म हो जाती है। ये असमान्‍य कोशिकाएं एक गांठ में बदल जाती हैं और इसके बाद ये नजदीक के उत्‍तकों को प्रभावित करने लगती हैं और फ‍िर पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं। थायराइड कैंसर पांच तरह की होती हैं। पहला है पेपीलरी जो कि 30 से 50 वर्ष की उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। इसके अलावा चार अन्‍य हैं फॉलीक्‍यूलर, मेड्यूलरी, एनेप्‍लास्टिक और थायराइड लिंफोमा। इनमें से अंतिम दो बेहद दुर्लभ हैं और इनकी पहचान भी उतनी ही मुश्किल है।

लक्षण

हालांकि थायराइड कैंसर के सीधे दिखाई देने वाले लक्षण बिरले ही मिलते हैं फ‍िर भी एडवांस स्‍टेज में कुछ लक्षण दिखते हैं। गर्दन में स्किन के अंदर से महसूस होने वाली गांठ, आवाज में बदलाव जिसमें कर्कशता या फ‍िर आवाज बैठ जाना शामिल है, निगलने में परेशानी, गर्दन और गले में दर्द और लिंफ नोड में सूजन शामिल हैं।

इलाज

डॉक्‍टर अग्रवाल कहते हैं कि इस कैंसर के इलाज के लिए ऑपरेशन की जरूरत पड़ सकती है जिसके जरिये पूरा या आंशिक रूप से थायराइड ग्रं‍थि को निकालना पड़ सकता है। थायराइड सर्जरी में रक्‍तस्राव और संक्रमण का जोखिम रहता है। इसके साथ ही सर्जरी के कारण पाराथायराइड ग्रंथि को नुकसान पहुंच सकता है और इसके कारण शरीर में कैल्सियम का स्‍तर घट सकता है। इसके अलावा ऑपरेशन के कारण दिमाग की ऐसे तंत्रिकाओं जो हमारे वोकल कॉर्ड से जुड़ी होती हैं, उन्‍हें नुकसान पहुंचने का जोखिम भी होता है। अगर दुर्घटनावश ऐसा हो गया तो मरीज की बोलने की क्षमता को नुकसान पहुंच सकता है, आवाज आंशिक या पूरी तरह से बैठ सकती है, सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इसलिए इलाज से बेहतर है कि हम बचाव का रास्‍ता अपनाएं।

सुझाव

रेडियेशन से बचें: किसी भी तरह के कैंसर से बचने के लिए सबसे बेहतर तरीका है रेडियेशन से दूर रहने का। दरअसल सीटी स्‍कैन में सामान्‍य एक्‍स रे के मुकाबले 500 गुणा ज्‍यादा रेडियेशन होता है इसलिए इमेजिंग का एमआरआई जैसा कोई तरीका ज्‍यादा बेहतर साबित हो सकता है।

लक्षण को जानें: बेहतर है कि थायराइड के बारे में अपनी जानकारी का स्‍तर बढ़ाएं और इसके लक्षणों को पहचानने का प्रयास करें। इससे किसी भी परेशानी के बढ़ने से पहले आप इसे पहचान पाएंगे।

जांच करवाएं: हर कुछ वर्ष में थायराइड नॉड्यूल्‍स की जांच करवाएं और टीएसएच के स्‍तर को भी जांचते रहें। अगर आप किसी भी तरह के कैंसर के जोखिम में हैं तो ऐसा करना और भी जरूरती हो जाता है।

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।